Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
कुछ तो शराफत सीख ले ए इश्क शराब से,
बोतल पे लिखा तो है मैं जान लेवा हूँ !
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !
यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ !
गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ !
मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए !
शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!
हर बार सोचता हूँ
छोड़ दूंगा मैं पीना अब से,
मगर तेरी याद आती है,
और हम मयखाने को चल पड़ते हैं !
शराबी इलजाम शराब को देता है,
आशिक इलजाम शबाब को देता है,
कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल,
कांटा भी इलजाम गुलाब को देता है !!
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !
बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा,
बदनाम हो गया देता जब तक अपनी गवाही
वो खुद शराब हो गया !
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं !
उसने हाथो से छू कर दरिया के
पानी को गुलाबी कर दिया,
हमारी बात तो और थी उसने
मछलियों को भी शराबी कर दिया……..!!!
‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,
जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से………!!!
इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू,
सब कुछ समझता हू, पर खामोश रहता हू,
जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश,
मै अक्सर उन्ही के साथ रहता हू……..!!!
लगता है बारिश भी मैखाने जाकर आती है,
कभी गिरती, कभी संभालती,
तो कभी लड़खड़ा कर आती है……..!!!
मैखाने मे आऊंगा मगर…पिऊंगा नही साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती……!!!
यार तो अक्सर मदिरालय मे हीं मिलते हैं,
वर्ना अपने तो मंदिर में भी मुँह मोड़ते हैं………!!!
नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है,
कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…..!!!
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई…….!!!
या खुदा ‘दिल’ तो तुडवा दिया तूने इश्क के चक्कर में,
कम से कम ‘लीवर’ तो संभालना दारु पीने के लिए…….!!!
मैं पिए रहुं या न पिए रहुं, लड़खड़ाकर ही चलता हु,
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हैं….!!!
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया……..!!!
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,
कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
तो वो पूछती है कितनी पी है…!!!
मंदिरो मे हिंदू देखे,
मस्जिदो में मुसलमान,
शाम को जब मयखाने गया,
तब जाकर दिखे इन्सान……….!!!
मंदिरो मे हिंदू देखे,
मस्जिदो में मुसलमान,
शाम को जब मयखाने गया,
तब जाकर दिखे इन्सान……….!!!
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों,
मुझमें जान आ गयी है,
पीछे मुड़के देखो कमीनो,
दारू की दुकान आ गयी है…
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है
कोई पूछे तो कह देता हूँ, पी रखी है
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में गम को मिलाने लगे,
दारू भी बेवफा निकली यारों,
नशे में तो वो और भी याद आने लगे…
आती हैं जब भी हिचकियाँ अब,
शराब मैं पी लेता हूँ….
अब तो वो वहम भी छोड़ दिया है,
कि कोई मुझे भी याद करता है…..मयखाने से बढ़कर कोई जमीन नहीं
जहां सिर्फ कदम लड़खड़ाते है जमीर नहीं
दूसरों के लिए ख़राब ही सही,
हमारे लिए तो ज़िन्दगी बन जाती है,
सौ ग़मों को निचोड़ने के बाद ही,
एक कतरा शाराब बन जाती है…
बात सज़दों की नहीं नीयत की है
मयखाने में हर कोई शराबी नहीं होता
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ…तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अँधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी.. बे-शराब वाले हैं…
बहुत शराब चढ़ाता हूँ रोज़
तब जाकर तुम कही उतरती हूँ
पीता था शराब मैं,
उसने दी छुड़ा अपनी कसम देकर,
जब गया महफ़िल में मैं,
तो दोस्तों ने पीला दी उसी की कसम देकर !!!
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है
तो उसने अपने होठों से सारे वहम तोड़ दिए
यूँ न पूछ कि मै शराबी क्यों हुआ
बस यूँ समझ ले
गमो के बोझ से शराब की
बोतल सस्ती लगी
तुम्हारे आँखों की तौहीन है
ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला
शराब पीता है
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’
बादल का रंग देख के नीयत बदल गई,.,!!!
मिलावट है तेरे इश्क़ में
इत्र और शराब की
कभी हम महक जाते है
कभी हम बहक जाते है
न कर इतना गुरुर
अपने नशे पर शराब
तुझ से ज्यादा नशा रखती है
आँखें किसी की
मदहोश कर देता है तेरे ये देखने का अंदाज़
और लोग सोचते हैं कि हम पीते बहुत है
कोशिश करने वालों की
कभी हार नहीं होती
पैदल ही निकल लेते है
ठेके की और जिनके पास
कार नहीं होती
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी!
ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई।
मयखाने बंद कर दे चाहे लाख दुनिया वाले,
पर शहर में कम नही है, निगाहों से पिलाने वाले।
कुछ नशा आपकी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमें आप युही शराबी मात कहिये,
ये नशा आपसे पहली मुलाकात का है।
रहता हूँ बहका बहका तो शराबी ना समझना,
कभी किसी की यादें भी बहका दिया करती हैं।
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुई शराब सुबह उतर जाएगी,
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख,
पूरी उमर नशे में गुज़र जाएगी।
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ।
शराब और इश्क़ कि फितरत एक सी है,
दोनों में वही नशा और वही दिलकशी है,
एक दिन तौबा करो उनसे तो,
दुसरे दिन वही दीवानगी और वही खुदखुशी है।
नशा हम किया करते है,
इलज़ाम शराब को दिया करते है,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिनका चेहरा जाम मै तलाश किया करते है।
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
अगर गम मोहब्बत पर हावी नहीं होता,
तो खुदा की कसम मैं शराबी न होता।
शराबी बनकर खुश हो लेता हूँ,
हर जाम से दर्द भर लेता हूँ,
एक बेवफा का नशा तो मुझे हर पल रहता है,
इस शराब से थोड़ा होश संभाल लेता हूँ।
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों,
मुझमें अब जान आ गयी है,
पीछे मुड़के तो देखो कमीनो,
दारू की दुकान आ गयी है।
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में गम को मिलाने लगे,
शराब भी बेवफा निकली यारों,
नशे में वो और भी याद आने लगे।
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई,
चलो कहीं शराब पिएँ रात हो गई।
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कहूँ आज फिर होश नहीं,
इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में,
हाथ में जाम है और पीने का होश नहीं।
सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,
इसीलिए भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर।
शराब की महक से मेरा दिल खुश होता है,
क्योंकि उसमें मेरी तन्हाई का दर्द भी भुल जाता है।
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
आसपास ना आया करो जब मे शराब पीता हूँ,
पता है मुझसे दुगुना नशा सँभला नही जाता।
गीरी मिली एक बोतल शराब की,तो ऐसा लगा मुझे
जैसे बिखरा पड़ा था एक रात का सुकून किसी का।
एक जमाना था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,
हम लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे।
शराब शरीर को खत्म करती है,
शराब समाज को खत्म करती है!
मत कर हंगामा पीकर मेरी गली में,
में तो खुद बदनाम हु, तेरी मोहब्बत के नशे में!
बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये,
के वो आज नजरों से अपनी पिलाये!
शराब की बोतल में होती है जो रूह की उदासी,
उसे भूल कर जिंदगी को जीता है शराबी।
तेरी यादों को अपने सीने से लगा लेता हूँ,
और शाम होते ही मैं दो जाम लगा लेता हूँ!
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना
न ही हाथों में चिराग लेके आना
प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम
बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
शराबी नाम न दो मुझको
मैं तो कभी-कभी पीता हूँ
पहली बार आया हूँ मयकदे में
रोज़ तो घर ही पर पीता हूँ
खाली जाम लिए बैठे हो उन आँखों की बात करो
रात बहुत है प्यास बहुत है बरसातों की बात करो
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम
मगर पीते पीते शाम से सवेयर हो गयी
बहके बहके कदम धीरे धीरे चले
इसलिए आने में ज़ारा सी देर हो गयी
शराबी हो तो ऐसा हो,
कि दिल में जो दर्द हो वो भूल जाये।
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में ‘फ़िराक़’
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए
अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में
इतनी पी जाए कि मिट जाए मैं और तू की तमीज़
यानी ये होश की दीवार गिरा दी जाए
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें
जितना जाता हूं शराब से दूर,
उतना पास आने को करती है मजबूर।
हर वक्त नजर आती है शराब प्यालों में,
मैं डुबा रहता हूं उसी के ख्यालों में।
अपनी मर्जी से पीता हूं,
हर वक्त होश में रहता हूं,
शराब छोड़ने की सोच भी नही सकता,
उसी के नशे में ही जीता हूं।
हम पीते है गम भुलाने के लिए,
वो हमें बुलाती है पास आने के लिए।
क्यूं ना कहो हमें शराबी,
कोई नही है हममें खराबी।
वो बेवफा सितम करके हमें छोड़ गई,
शराब पीने की आदत कर गई।
गम तो हम रोज पीते है,
शराब कभी कभी पीते है।
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
गम भुलाने के लिए थोड़ी क्या डाल ली,
पीने की आदत बेवजह पाल ली।
हर बार सोचता हूं पीना गलत है,
पर साला ये छुटती नही लत है।
‘हाली’ नशात-ए-नग़मा-ओ-मय ढूंढते हो अब
आये हो वक़्त-ए-सुबह..
रहे रात भर कहाँ
न कर इतना गुरुर
अपने नशे पर शराब
तुझ से ज्यादा नशा रखती है
आँखें किसी की
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हू …
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है,,
के आज तो शराब ने भी अपना रंग दिखा दिया,
दो दुश्मनो को गले से लगवा, दोस्त बनवा दिया
ज़िन्दगी है चार दिन की,
कुछ भी न गिला कीजिये,
दवा, दारु , इश्क़
जो मिले मजा लीजिये,,
निकलूं अगर मयखाने से तो,
शराबी ना समझना मेरे दोस्त,
मंदिर से निकलता,
हर शख्स भी तो भक्त नहीं होता,,
बहुत मुश्किल से दवा हाथ लगी है,
दारु कहकर बदनाम न करो,,शराबी नाम न दो मुझको मैं तो
कभी-कभी पीता हूँ पहली बार आया हूँ
मयकदे में रोज़ तो घर ही पर पीता हूँ,,
जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से जादा हैं,
अगर इसे न पिया तो जिंदगी जीने का मजा क्या हैं,,
शराब और मेरा कई बार
ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार
मुझे मना लेती है,,
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
शराब इश्क़ से बेहतर है जनाब,
समझना है तो थोड़ा पीना पड़ेगा
ज़हर भी जो पिलाए तो.
सुमंगल हो जाए,शराब तो फिर भी.
कुछ हद तक खुशियों का जहाँ देती है,,
आती हैं जब भी हिचकियाँ अब,
शराब मैं पी लेता हूँ….
अब तो वो वहम भी छोड़ दिया है,
कि कोई मुझे भी याद करता है,,
शराब के ज़ाहिरी परदे के पीछे.
छुपा होता है,जिंदगी का वो सच.
जो सबको नशे में दिखाई नहीं देता,,
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी !!
अब किधर मिलोगे, पागलखाने या मैखान
है ये शराब दर्द की दवा मेरे,
इसे पीने में कोई खराबी नहीं,
होता है जब दिल में दर्द तो पी लेता हूँ,
वैसे हूँ मैं शराबी नहीं
जाम पे जाम पिने से क्या फायदा,
शाम को पी सुबह उतर जाएगी,
अरे दो बूँद मेरे प्यार की पी ले,
ज़िन्दगी सारी नशे में ही गुजर जाएगी…
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
शराब बुरी चीज है, आओ इसे खतम करें,
एक बोतल तुम करो, एक बोतल हम करें,
अभी दिल भरा नही उसका,
अभी कुछ झूठ बाकी है,कल वाली शराब लाओ
उसमे दो घुट बाकी है,
मोहब्बत को बुरा क्यों कहूँ,
जब किस्मत ही मेरी खराब है,वो जा रही है तो जाने दो,
मेरे पास मेरी शराब है,
एक उलफत के नाम एक जाम मोहब्बत के नाम,
एक जाम वफा के नाम पुरी बोतल बेवफ़ा के नाम,
और पुरा ठेका दोस्तों के नाम,
पिते थे हम शराब उसने छुड़ाई कसम देकर,
महफिल में गए थे हम यारो ने पिलाई उसकी कसम देकर,
हर किसी बात का जवाब नहीं होता,
हर जाम इश्क़ मे खराब नहीं होता,
यू तो झूम लेते हैं नशे में रहने वाले,
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता
नशा मोहब्बत का हो या शराब का,
होश दोनों मे खो जाते हैं,
फर्क सिर्फ इतना है कि शराब सुला देती हैं,
और मोहब्बत रुला देती हैं,
कुछ नशा आपकी बात का हैं,
कुछ नशा धीमी बरसात का हैं,
हमे आप यू ही शराबी मत कहिये,
ये दिल पर आपसे पहली मुआकात का है,
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
खाली जाम लिये बैठे हो उन आँखों कि बात करो,
रात बहुत हैं प्यास बहुत हैं बरसातो कि बात करो,
कुछ नशा आपकी बात का हैं,
कुछ नशा धीमी बरसात का हैं,
हमे आप यू ही शराबी मत कहिये,
ये दिल पर आपसे पहली मुआकात का है,
शराबी नाम ना दो मुझको,
मैं तो कभी कभी पिता हूँ,
पहली बार आया हूँ मैं कदे में,
रोज तो घर पर ही पिता हूँ,
एक शराबी दारु पी पी कर मर गया,
लेकिन उसकी दारु के प्रति श्रद्धा तो देखो,
वो मर के भी यह कह गया शराब तो ठीक थी,
पर मेरा लिवर ही कमजोर निकला,
रख ले 2-4 बोतल कफ़न में साथ बैठ कर पिया करेंगे,
जब माँगे गा हिसाब गुनाहों का एक पेग उसे भी दे दिया करेंगे!
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती!
मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती!
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,
फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती!
.
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती!
मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती!
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,
फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती!
शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है;
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी, अब किधर मिलोगे,
पागलखाने या मैखाने……!!!
शराब शरीर को खत्म करती है शराब समाज को ख़तम करती है
आओ आज इस शराब को खत्म करते हैं
एक बॉटल तुम खत्म करो एक बॉटल हम खत्म करते है
सोचा था कुछ और, लेकिन हुआ कुछ और
इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर
या खुदा ‘दिल’ तो तुडवा दिया तूने इश्क के चक्कर में,
कम से कम ‘लीवर’ तो संभालना दारु पीने के लिए
मोहब्बत से गुजरा हूँ अब मयख़ाने में जाना है
दोनों का असर एक ही है बस होश ही तो गंवाना है
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कहूँ आज फिर होश नहीं,
इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में, हाथ में जाम है और पीने का होश नहीं..
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब !!
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
ज़बान कहने से रुक जाए !!
वही दिल का है अफ़साना !!
ना पूछो मय-कशों से क्यों !!
छलक जाता है पैमाना !!
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों !!
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी !!
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख !!
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी !!
रोया नहीं रुलाया गया हूँ
पसंद बन कर ठुकराया गया हूँ।
साँसों से साँसे मिलाकर,
जाने कितने वादे कर गए,
फिर ऐसी बेवफ़ाई की,
हम उन्हीं पलों में मर गए।
उसके पास बैठे-बैठे
मैंने भी सुबह से शाम कर दी,
आखिर आखिरी बार
मिलने आई थी वो।
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,
एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे
एक बोतल शराब के लिए,
कतार में ज़िन्दगी ले कर खड़ा हो गया,
मौत का डर तो वहम था,
आज नशा ज़िन्दगी से बड़ा हो गया।फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,
मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे
एक शराब की बोतल दबोच रखी है !
तुजे भुलाने की तरकीब सोच रखी है !!
Sharabi Shayari Hindi [शराबी शायरी हिंदी]
जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से जादा हैं,
अगर इसे न पिया तो जिंदगी जीने का मजा क्या हैं !
कुछ तो शराफत सीख ले ए इश्क शराब से,
बोतल पे लिखा तो है मैं जान लेवा हूँ !
यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत,
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये।
यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ !
गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ !
मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए !
शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !
सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,
इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर !
सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,
इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर !
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ !